Bharat China Dheemi Vapsi Samasya Avsar: भारत‑चीन संबंधों की धीमी वापसी – एक सतर्क समरसता
📘 परिचय एवं संदर्भ (Introduction & Context) Bharat China Dheemi Vapsi Samasya Avsar
2020 में गलवान झड़प के बाद भारत‑चीन संबंधों में गहरी खटास आई थी। चार वर्षों की सीमा स्थिति (लद्दाख) के बाद, अक्टूबर‑दिसंबर 2024 तक दोनों देशों ने सीमा विवाद के कुछ बिंदुओं पर disengagement (सेना पीछे हटना) की शुरुआत की। जनवरी 2025 में दोनों ने काईलाश मानसरोवर यात्रा पुनः शुरू की, और जून 2025 में राजनैथ सिंह व चीनी रक्षा मंत्री की बातचीत से भी सीमित सकारात्मक संकेत मिले हैं Financial Times।
हालांकि दोनों की व्यापार निर्भरता गहरी बनी हुई है, लेकिन भरोसे की कमी, व्यापार घाटा एवं रणनीतिक मतभेद ऐसा माहौल बना रहे हैं जहाँ संबंध तिनका‑तिनका जोड़कर आगे बढ़ रहे हैं ReutersStimson CenterOxford Analytica।
🧩 भारतीय संविधान से जुड़ा संदर्भ (Constitutional Context)
इस विषय में सीधे कोई संवैधानिक धारा नहीं लागू होती, लेकिन ये राष्ट्र‑सुरक्षा, स्वराज्य और प्रतिरक्षा नीति से जुड़ा है। प्रमुख रूप से:
अनुच्छेद 51 – दूतावास नीति। भारत को विश्व समुदाय के भीतर शांति और मित्रता बनाए रखनी चाहिए।
अनुच्छेद 246 & 248 – प्रतिरक्षा और विदेश नीति पर केंद्र का राज्याधिकार।
इससे यह स्पष्ट होता है कि सीमावार्ताएँ और अंतर्राष्ट्रीय रिश्तों में सुधार भारत की रक्षा और नीति के हित में संवैधानिक रूप से केंद्र द्वारा संभाले जाते हैं।
🔑 KEY TOPICS – प्रमुख विषय
2020‑25 सीमा संघर्ष के तीन चरण
Galwan, Pangong‑Tso, Depsang, Demchोक में disengagement
राजनीतिक‑रणनीतिक नेतृत्व की वार्ताओं (Special Representatives, FM, रक्षा मंत्री) का प्रभाव
व्यापारी निवेश और व्यापार घाटा
विश्वास निर्माण की चुनौतियाँ और दीर्घकालीन रिश्तों की धीमी प्रगति
भारत की “Atmanirbhar Bharat” रणनीति अति निर्भरता घटाने हेतु
संयुक्त मित्र देशों (Quad, US) के साथ सामरिक तालमेल
📚 कठिन शब्दावली – हिंदी एवं अंग्रेज़ी अर्थ सहित
अंग्रेज़ी शब्द | English Meaning | हिंदी अर्थ |
---|---|---|
Rapprochement | Improvement of relations | संबंधों में सुधार |
Disengagement | Withdrawal of troops | सेना की वापसी |
Friction points | Border hotspots between India & China | विवादित सीमा‑क्षेत्र |
Trust deficit | Lack of mutual confidence | भरोसे की कमी |
Strategic autonomy | Independent policy‑decisions | सामरिक स्वतंत्रता |
Trade imbalance | Unequal trade favoring one country | व्यापार घाटा |
📝 MCQs (Multiple Choice Questions)
**दिसंबर 2024 में किस सीमा क्षेत्र में सैनिकों की वापसी (disengagement) पर समझौता हुआ था?**
A) गलवान
B) पांगोंग‑त्सो
C) Depsang और Demchok
D) लद्दाख पश्चिमी क्षेत्रउत्तर: C
भारत‑चीन संबंधों में सुधार हेतु निम्न में कौन‑सा चैनल सबसे प्रभावशाली माना जाता है?
A) मीडिया वार्ता
B) Special Representatives और FM‑level वार्ता
C) व्यापार समझौते
D) सोशल मीडिया संवादउत्तर: B
निम्न में कौन‑सा संविधान अनुच्छेद भारत की विदेश नीति और रक्षा से संबंधित है?
A) अनु. 21
B) अनु. 47
C) अनु. 51
D) अनु. 19उत्तर: C
भारत की “Atmanirbhar Bharat” नीति किस संबंध में लागू होती है?
A) शिक्षा सुधार
B) आर्थिक निर्भरता में कमी
C) खेल प्रोत्साहन
D) सांस्कृतिक आदान‑प्रदानउत्तर: B
🧠 संक्षिप्त विश्लेषण (Brief Analysis)
तीन चरणों की यात्रा: अप्रैल‑सितंबर 2020 से शुरू हुआ सीमा तनाव, फिर सीमित disengagement (2022), और अंततः अक्टूबर‑दिसंबर 2024 में सैनिक वापसी पर सहमति
राजनीतिक वार्ता की भूमिका: Special Representative, FM और रक्षा मंत्रियों की बैठकें भारत‑चीन संबंध सुधार की धुरी बनीं |
अर्थव्यवस्थागत जुड़ाव: व्यापार में चीन का वर्चस्व, निवेश सीमाएँ, NITI Aayog के प्रस्तावों और अमेरिकी दबावों के बीच संतुलन की जद्दोजहद |
विश्वास की कमी: Border tensions, Dalai Lama मामला, जल परियोजनाएं और चीन‑पाक सहयोग आदि भारत‑चीन में गहरी अविश्वास की दीवारें हैं |
✅ निष्कर्ष (Conclusion)
यह विश्लेषण दर्शाता है कि भारत‑चीन संबंध अब धीरे‑धीरे संघर्ष से संवाद की ओर अग्रसर हैं। सीमावार्ता और राजनीतिक उपयोगिताओं ने एक सतर्क समरसता की दिशा में हस्तक्षेप किया है। हालांकि सुधार स्पष्ट हैं, लेकिन व्यावसायिक जुड़ाव और सामरिक विश्वास निर्माण अभी चुनौतीपूर्ण है।
सही रणनीतिक संवाद, सीमाओं पर स्थिरता और विश्वास निर्माण की प्रक्रिया समय लेगी; यह संबंध आज भी “slow revival” के चरण में है।
The Hindu Editorial Analysis A Slow Revival 25-07-2025
The Hindu PDF News Analysis Notes | The Hindu PDF Download 23 July 2025 | English and Hindi