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अस्सी साल की हुई दादी विधवा हो गईं और परिवार से मुंह मोड़कर खाट पकड़ ली। परिजन उसे वापस अपने बीच घसीटने लगे। प्यार, दुश्मनी, आपसी रंजिश में चल रहा संयुक्त परिवार।
रेत समाधि Author - Shree Geetanjali
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दादी को यकीन है कि अब मैं नहीं उठूंगी। तब इन शब्दों की ध्वनि बदल जाती है और अब नए उठेंगे। दादी जागती हैं। एकदम नया। नया बचपन, नया यौवन, सामाजिक वर्जनाओं और वर्जनाओं से मुक्त, नए रिश्तों और नए दृष्टिकोणों में पूरी तरह से मुक्त।
रेत समाधि Author - Shree Geetanjali
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इस उपन्यास में कहानी लेखन का एक नया रूप है। इसकी कहानी, इसका कालक्रम, इसकी संवेदनशीलता, इसका वर्णन, सभी अपने-अपने तरीके से सामने आते हैं। हमारी परिचित सीमाओं और सीमाओं को पार करना।